दूर क्षितिज पर किरण पुंज देख रजनी की तो आंखें भर आईं। दूर क्षितिज पर किरण पुंज देख रजनी की तो आंखें भर आईं।
गीली परतों पर शबनम ने बरसाई झीनी-झीनी धार है। गीली परतों पर शबनम ने बरसाई झीनी-झीनी धार है।
आकर रँग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार। आकर रँग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार।
नव कुसुमन ने धरा सजाई, स्वर्ग उतर धरती पर आया। नव कुसुमन ने धरा सजाई, स्वर्ग उतर धरती पर आया।
युगों-युगों से साथ तुम्हारे चलती आई उस सजनी को ओ चाँद ! युगों-युगों से साथ तुम्हारे चलती आई उस सजनी को ओ चाँद !
शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ताला लग शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ...